इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾
By Alok Suman, Motilal Nehru College
मैं जब à¤à¥€ आज का अख़बार खोलता हूà¤,
मैं ख़बरों को हर कोने में टटोलता हूà¤,
खबरों की जगहें à¤à¤°à¥€ सी है लगती,
रंगों से, तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ सनी सी हैं लगती।
रंगीन कागज़ ,कलम अखबारों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
यहां चिपà¥à¤¸ पैकेट में मिलती हवा है,
तबीयत को मिनटों में ठीक करती दवा है।
पेपà¥à¤¸à¥€ और कोला का à¤à¤¸à¤¾ कहर है,
पी कर जीत आगे और पीछे ये डर है।
शराबों की कà¥à¤¯à¤¾ बात बोलूठतà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ मैं,
शराबी के जजà¥à¤¬à¤¾à¤¤ बोलूं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ मैं ?
सोडे के नाम से ये शराब बेचते हैं,
और गरीबों की अरà¥à¤¥à¥€ पे हथेली सेंकते हैं।
न सचà¥à¤šà¥€ रही अब मकà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
नई कà¥à¤°à¥€à¤® आयी है तà¥à¤® à¤à¥€ लगा लो,
चमकती तà¥à¤µà¤šà¤¾ सा निखार पा लो।
लड़की दोसà¥à¤¤ ना है तो टेंशन न पालो,
नहाना जो à¤à¥‚लो, तो परफà¥à¤¯à¥‚म लगा लो।
जो दिल और दिमाग à¤à¤• जगह पे न हो फिर,
तो मेंटोस खा लो, दिमाग की बतà¥à¤¤à¥€ जला लो,
बालों की सफेदी जो बà¥à¤¢à¤¾à¤ªà¤¾ ले आये,
तà¥à¤® गोदरेज लाओ, काटो खोलो और लगा लो।
जो जीते हो तà¥à¤® है नजारो की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
मैंने कबà¥à¤°à¥‹à¤‚ की बेहतर सजावट à¤à¥€ देखी,
और माठके दूध में फिर मिलावट à¤à¥€ देखी।
कलाकारों को कैमरे सामने हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ à¤à¥€ देखा,
और उस à¤à¥‚ठी हंसी की दिखावट à¤à¥€ देखी।
गैरों के मकानों में रहते थे जो लोग,
उनके हाथों मकानों की बनावट à¤à¥€ देखी।
जहाठसर पे होती नही छत है अपनी, ये à¤à¤¸à¥‡ रही है किराà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ कà¥à¤¯à¤¾ बताऊठतà¥à¤® ख़à¥à¤¦ ही समठलो, ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
यहाठऑनलाइन है कीमा à¤à¥€ मिलता,
तेरे मरने के बाद बीमा à¤à¥€ मिलता।
जो कपड़े खरीदो तà¥à¤® इनके यहाठसे,
तà¥à¤® सीमा मà¤à¤—ाओ तो सीना है मिलता।
अब तो इंटरनेट पे à¤à¥€ मिल रही हैं सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤,
तà¥à¤® लौकी मà¤à¤—ाओ तो खीरा है मिलता।
जो नमक की हरामी हैं कर à¤à¥€ न सकते, à¤à¤¸à¥‡ इंसानों से à¤à¤°à¥€ है गदà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ बताऊठतà¥à¤® ख़à¥à¤¦ ही समठलो, ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है पर याद आया,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥€ है तो सरकारों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
नई सड़कें बनके बनी जा रही हैं,
पà¥à¤² से दबके यूठजानें चली जा रही हैं।
हाà¤à¥¤ अखबारों में घर घर बिजली के डंके हैं,
पर अà¤à¥€ तक मेरे गाà¤à¤µ मे सिरà¥à¤« खंà¤à¥‡ हैं।
हाठये à¤à¥€ इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤° है कि माफी उधारी है,
पर इसमें à¤à¥€ वक़à¥à¤¤ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि काम सरकारी है।
अखबारों में बेटी पढ़ाई जा रही है,
और टेलीविजन में बेटी बचाई जा रही है,
पर इनको कोई समà¤à¤¾à¤ à¤à¥€ कैसे की हर घर मे खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶à¥‡à¤‚ दफनाई जा रही है ।
ये वादे à¤à¥€ देते और वादाखिलाफी à¤à¥€ देते,
बस वक़à¥à¤¤ आने पे माफी हैं मांग लेते।
सरकारों की नहीं ये गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ारों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जो है कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही कमबखà¥à¤¤ है,
ये बाहर से मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® पर अंदर से सखà¥à¤¤ है।
ये आंखों में मेरी à¤à¤¿à¤²à¤®à¤¿à¤² रोशनी डाल देती है,
मà¥à¤à¤•à¥‹ अंधा करके ये मà¥à¤à¥‡ बेच डालती है,
इनकी साजिश अनोखी है पर है ये गहरी,
इनकी गूंजो के आगे है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ये बहरी।
लो तà¥à¤® à¤à¥€ जरा अपने कानों से सà¥à¤¨ लो, à¤à¤²à¥‡ इनके पहरे में कई खà¥à¤µà¤¾à¤¬ बà¥à¤¨ लो,
जरा सोच चलना , है मजारों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾,
ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ है अब इशà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
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